
गोंडवाना विश्वविद्यालय के छात्रावास में छात्रों के भोजन की समस्या का शीघ्र समाधान करें..
अन्यथा आंदोलन-सीनेट सदस्य, युवा सेना विदर्भ सचिव प्रो. नीलेश बेलखेड़े की चेतावनी.
चंद्रपुर/महाराष्ट्र
दि. 11.01.2023
रिपोर्ट :- रमाकांत यादव ग्लोबल महाराष्ट्र न्यूज नेटवर्क
पुरी खबर :- गोंडवाना यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में रहने वाले छात्र भोजन के अभाव में पिछले तीन-चार दिनों से भूखे हैं. वे भोजन के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं, जब कुलपति खुद उनके पास गए और छात्रों से मुलाकात की, उन्होंने छात्रों से पूछा कि आपमें से कौन भूखा है? तब छात्रों ने कहा कि उन्होंने खाना नहीं खाया है, तब भी कुलपति डॉ. प्रशांत बोकरे किसी प्रकार की उपाय योजना न करते हुए वहा से चले गए. इससे यह पता चलता है कि कुल गुरु छात्रों के प्रति कितने गंभीर है. आज छात्रों को फिर से विश्वविद्यालय परिसर में प्रदर्शन करना पड़ा, जिसके बाद कुलपति ने उनके भोजन की अस्थायी व्यवस्था करने का आश्वासन दिया है. उम्मीद है कि वह कुलपति द्वारा दिये गये वादे को निभायेंगे. लेकिन यह समस्या अस्थायी सुविधा से हल नहीं होगी. छात्रों को प्रवेश देते समय जानकारी दी गई थी कि भोजन, प्रवेश और छात्रावास निःशुल्क होगा और अब छात्रों ने शिकायत की है कि उनसे पैसे की मांग की जा रही है.
जब माननीय राष्ट्रपति विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में आये तो कुलपति ने राष्ट्रपति के समक्ष सार्वजनिक रूप से अपनी बात रखी और कहा कि गोंडवाना विश्वविद्यालय के छात्र को एक रुपये की जरुरत नहीं होगी। लेकिन अक्सर यह अनुभव होता है कि कुलपति अपनी बात पर अमल नहीं करते हैं? कुलपति की उदासीन नीति के कारण कई छात्र भोजन के अभाव में अपनी पढ़ाई छोड़ कर अपने गांव वापस जा रहे हैं. यह विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा के लिए उचित नहीं है.
गोंडवाना विश्वविद्यालय छात्रों के हित के लिए है या किसलिए है यह समझ के परे है? एक ओर जहां ‘विद्यापीठ अपना गावी’ योजना शुरू करने की तारीफ हो रही है, वहीं दूसरी ओर विश्वविद्यालय के छात्रों की चार दिनों से भोजन की समस्या भी हल नहीं हो पा रही है. इसलिए जल्द से जल्द इन छात्रों के भोजन की व्यवस्था की जाए, अन्यथा हमें विश्वविद्यालय आकर छात्रों के साथ विश्वविद्यालय का घेराव करना पड़ेगा, सीनेटर प्रोफ़ेसर नीलेश बेलखेड़े ने चेतावनी दी , प्रोफेसर डॉ. दिलीप चौधरी, डाॅ. प्रवीण जोगी, डाॅ. सतीश कन्नके, डॉ. प्रस्तुतकर्ता मिलिंद भगत, अजय लोंढे, दीपक धोपटे।



