जिन्दल पावर को भेजा जा रहा बनावटी कोयला…?

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जिन्दल पावर के कोल में झोल

जिन्दल पावर को भेजा जा रहा बनावटी कोयला…?

क्या जिन्दल पावर के अधिकारी भी हो सकते है बंदरबांट में शामिल.?

चंद्रपुर/यवतमाल/वणी/महाराष्ट्र

पुरी खबर :- जिले में कोयले का काला कारोबार आपसी मिली भगत से खूब फलफूल रहा है। जिले की विविध कोल वॉशरिज, रेल साइडिंग और कोल डेपो के संचालकों द्वारा अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर चलाए जा रहे, इस गोरखधंधे के जरिए करोड़ों के व्यारे-न्यारे किए जा रहे हैं। जेपी बीना पावर स्टेशन (जेबीपीएस) और संगीता सेल्स द्वारा की गई कोयले की हेराफेरी का मामला फिलहाल चर्चा में जोरों पर है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पॉवर प्लांट को भेजे जाने वाले कोयले में बड़े पैमाने पर बनावटी कोयला भेजा जा रहा है। वणी रेलवे साइडिंग पर यह करोड़ों रुपए की बंदरबांट का खेल खुलेआम चल रहा है।

जिन्दल पावर प्लांट (जेपी पॉवर प्लांट) ने कोयले की ट्रान्सपोर्टिंग करने का ठेका संगीता सेल्स लिमिटेड को दिया है। उन्हें वेकोलि के वणी क्षेत्र और बल्लारपुर क्षेत्र की गौवरी निलजई, और मुगोली कोयला खदान से कोयले को वणी के रेलवे साइडिंग पर पहुंचाना है। वहां से रेल के मार्यग वह कोयला मध्यप्रदेश के जिन्दल पावर प्लांट (जेपी पावर प्लांट) में भेजा जाता है।

संगीता सेल्स के वणी प्लॉट पर हो रही मिलावटखोरी : वेकोलि द्वारा जेपी पावर प्लांट को अच्छे क्वांलिटि का कोयला दिया जाना चाहिए, परंतु जानकारी है कि संगीता सेल्स के कर्मचारी (मामा) इस कोयले को पहले अपने प्लॉट पर ले जाते हैं। वहां उसमें खराब कोयला (बनावटी ) मिक्स किया जाता है। इससे पहले अच्छे कोयले को निकाल कर अपने डेपो पर खाली किया जाता है, जो बाद में खुले बाजार में बेक कर करोड़ों की अवैध संम्पती बना रहे हैं.


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जेपीपी और अधिकारीयों की मिली भगत.?

मध्यप्रदेश का जेपी पावर प्लांट जो की निगड़ी व बीना में स्थित है, के अधिकारियों की मिली भगत की वजह से पावर प्लांट को जिस ग्रेड का कोयला मिलना चाहिए वह नहीं दिया जा रहा है। वहीं अच्छे कोयले के नाम पर खराब मटेरियल, चारकोल, ब्लैक डस्ट को मिलावट कर कोयले की कालाबाजारी की जा रही है, जिससे अधिकारी तथा संगीत सेल्स मालामाल हो रहे हैं?

टेस्टिंग टीम की भुमिका संदेहास्पद.?

सूत्रों का दावा है कि कोयला कैसा है और इसका कितना उपयोग होगा, इसकी लैब में टेस्ट होती है। इसके लिए पॉवर प्लांट में एक क्वालिटी टेस्टिंग टीम होती है। यह टीम भी इस मिली भगत की हिस्सेदार है? इसलिए खराब कोयले को अच्छा दिखाकर चुपचाप उसे खाली किया जा रहा है। सही ढंग से जांच हुई तो भ्रष्टाचारियों की पूरी चेन का पर्दाफाश हो सकता है।