खजाने की खोज में गई मजदूर की जान

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खजाने की खोज में गई मजदूर की जान
 
अभी भी नहीं उतर रहा अंधश्रद्धा का भूत
 
यवतमाल/महाराष्ट्र

दि .21 मई 2024

रिपोर्टर :- रमाकांत यादव जिल्हा प्रतिनिधि ग्लोबल महाराष्ट्र न्यूज नेटवर्क
 
 
पूरी खबर:-यवतमाल इक्कीसवीं सदी में भी अंधविश्वास पूरी तरह से कम नहीं हुआ है. ऐसे ही एक मामले में यवतमाल जिले में एक व्यक्ति को सपना आया कि उसके घर में सोना गड़ा हुआ है. उसने एक मजदूर की मदद से खुदाई शुरू की. लेकिन दुर्भाग्यवश खुदाई करते समय मजदूर की मृत्यु हो गई. इस मामले में पुलिस ने संबंधित आरोपियों के खिलाफ जादू-टोना अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है. इसके बाद मुंबई हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने आरोपी को अग्रिम जमानत दे दी. जमानत पाने वाले आरोपी का नाम हितेश रामजीभाई करिया (शेष करंजा लाड, जिला यवतमाल) है. मृतक मजदूर का नाम देवराम भादुकाले है.
 
आरोपी को आया था सपना
आरोपी हितेश को सपना आया था कि कारंजा लाड स्थित उसके घर में सोना गड़ा हुआ है. इसलिए वह मृतक देवराव और अन्य मजदूरों को खुदाई के लिए लाया था. सोना निकालने के लिए हितेश ने मजदूरों से गहरी खुदाई कराई. खुदाई के उत्साह में लापरवाही से दीवार गिरने से देवराव की मृत्यु हो गई. दड़वा पुलिस ने आरोपी हितेश व अन्य सहआरोपियों के खिलाफ जादू टोना अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया.आरोपी की ओर से दलील दी गई कि भले ही आरोपी ने इस मामले में लापरवाही बरती है, लेकिन आरोपी को हिरासत में लेने की कोई जरूरत नहीं है.
आरोपी की जमानत का हुआ विरोध
सरकारी पक्ष ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि आरोपी गैरकानूनी काम में शामिल था. आरोपी ने घर में सोने के लिए खुदाई की है. यह घटना आरोपियों की लापरवाही से हुई और खुदाई करते समय देवराव के ऊपर दीवार गिरने से उनकी मौत हो गई. इसलिए आरोपी पूछताछ की जरूरत है. मामला दर्ज होने के बाद से आरोपी फरार है. इसलिए सरकारी पक्ष ने कोर्ट से आरोपी को जमानत न देने का अनुरोध किया. आरोपी ने सोना खोजने और खुदाई करने के लिए ही देवराव को बुलाया था. कोर्ट ने आरोपी को शर्तों के साथ गिरफ्तारी से पहले जमानत देते हुए कहा कि मामले की जांच पूरी हो चुकी है और नए सिरे से जांच की जरूरत नहीं है. आरोपी को हर सोमवार सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे के बीच संबंधित पुलिस स्टेशन में उपस्थित होना होगा. अभियुक्त की ओर से अधिवक्ता मो. आईडी ठाकरे ने मामले की पैरवी की. राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता एस हैदर ने पैरवी की.