रेत की चोरी जोरों पर प्रशासन बेखबर

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रेत की चोरी जोरों पर प्रशासन बेखबर
 
चंद्रपुर/महाराष्ट्र

दि .27 जून 2024

रिपोर्टर :- रमाकांत यादव जिल्हा प्रतिनिधि ग्लोबल महाराष्ट्र न्यूज नेटवर्क
 
 
पूरी खबर:-चंद्रपुर गोंडपिपरी औद्योगिक दृष्टि से पिछड़ा, उद्योगविहीन परंतु चारों ओर से नदियों एवं वनों से घिरा प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध अद्वितीय तहसील है गोंडपिपरी. यहां वैनगंगा, वर्धा, अंधेरी जैसी बारहमासी नदियां हैं. साथ ही कन्हालगांव अभयारण्य, तांबे की खदानें, मीथेन गैस, सीमेंट के लिए उपयोगी पत्थर आदि भंडार हैं. इसलिए चोरों की नज़र गोंडपिपरी पर है. प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध इस तहसील को रेत और खनिज चोरों ने निशाना बना रखा है. गोंडपिपरी तहसील में कुछ रेत घाटों को मंजूरी दी गई. रेत घाट की अवधि समाप्त होने के बाद विस्तार मिला और फिर अवधि भी समाप्त हो गयी. लेकिन रेत निकालना बंद नहीं हुआ. स्टॉक कभी ख़त्म नहीं होता. प्रशासन को अंधा और बहरा समझकर बार-बार समय सीमा बढ़ाई जा रही है. अन्यथा संबंधितों के सहयोग से चौबीसों घंटे रेत निकाली जा रही है. रेतघाट पाने वालों ने शहर के गैंगस्टरों को व्यापार का मौका दिया. कम समय में अधिक पैसा देने के नाम पर रेतघाट को गुंडों को सौंप दिया गया. जिसके परिणामस्वरूप हाल ही में एक बड़ी घटना हुई. जिसमें सरपंच और पुलिस पाटिल बाल-बाल बच गए. पूरी तहसील गुंडों से घिरी हुई है. चौबीसों घंटे रेत खनन जोरों पर चल रहा है. गोंडपिपरी के रेतघाट के पास स्टॉक खत्म नहीं हो रहा है. तस्करों द्वारा चौबीसों घंटे जेसीबी के माध्यम से नदी के तल से रेत निकाली जा रही है. दिन भर भंडारित रेत का परिवहन किया जा रहा है. रेत घाट वाली सड़कों पर रेत तस्करों का कब्जा है. बेहिसाब से रेत बेचे जाने से सरकारी योजना के तहत जिन्हें आवास मंजूर हुए हैं, उनका काम अटका पड़ा हुआ है. वर्तमान में तहसील में 600 फुट रेत के लिए 25,000 का भुगतान किया जा रहा है. जिले में इसे 65,000 रुपये तक बेचा जा रहा है. ऐसे में आम लोगों को लूटा जा रहा है. कम समय में अपार संपत्ति हासिल करने के लिए रेत चोरों का कारोबार शुरू है.
 
कार्रवाई के दौरान मुल रोड पर रेत का स्टॉक जब्त कर लिया गया. फिलहाल रेत पकड़ने के लिए कोई टीम नहीं है. रेत चोर पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी. 
 
कांबले, मंडल अधिकारी, गोंडपिंपरी