महसूल मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले एक्सन मोड पर, रेत तस्करों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की तैयारी

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लुट रही इरई, लुट रहे माफिया
 
महसूल मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले एक्सन मोड पर,
रेत तस्करों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की तैयारी
भाग क्र. 6
 
 
चंद्रपूर/महाराष्ट्र 
दि. 31 डिसेंबर 2024
मुख्य संपादक: अनुप यादव, ग्लोबल महाराष्ट्र न्यूज नेटवर्क 
 
 
पुरी खबर :- महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले में रेत माफिया का आतंक चरम पर है। यहां की इरई नदी, जो कभी अपनी खूबसूरती और प्राकृतिक संपदा के लिए जानी जाती थी, आज रेत माफियाओं की मनमानी का शिकार बन गई है। सफेद चमचमाती रेत की भारी मांग ने चंद्रपुर को रेत तस्करी का मुख्य केंद्र बना दिया है। नागपुर, वर्धा, यवतमाल से लेकर तेलंगाना तक यहां की रेत अवैध रूप से सप्लाई हो रही है।
आम आदमी पर बढ़ा बोझ
रेत की बढ़ती कीमतों ने आम आदमी का घर बनाने का सपना तोड़ दिया है। गरीब मजदूर और मध्यम वर्ग के लिए आशियाना बनाना अब केवल कल्पना बनकर रह गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह स्थिति सरकार की नीतियों और रेत माफियाओं की गठजोड़ का परिणाम है।
प्रशासन की लाचारी
इरई नदी पर खुलेआम रेत की अवैध खुदाई और ढुलाई जारी है। लेकिन प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है। पटवारी, मंडल अधिकारी, तहसीलदार और खनिकर्म विभाग की निष्क्रियता ने रेत माफियाओं के हौसले बुलंद कर दिए हैं। इरई नदी की सुंदरता पर रेत तस्करों ने ग्रहण लगा दिया है, और प्रशासनिक अमले की लाचारी पर माफिया खिलखिला रहे हैं।
सामाजिक संस्थाओं की पहल
अनुपम बहुउद्देशीय सामाजिक संस्था के संस्थापक अध्यक्ष अनुप यादव ने इस गंभीर स्थिति पर आवाज उठाई है। उन्होंने महसूल मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले सहित पर्यावरण विभाग और केंद्रीय सतर्कता आयोग को पत्र लिखकर इस समस्या की ओर ध्यान आकर्षित किया है। यादव ने रेत तस्करी के खिलाफ आंदोलन छेड़ने की भी चेतावनी दी है।
महसूल मंत्री का सख्त रुख
महसूल मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने हाल ही में रेत माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई का संकेत दिया है। उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र में रेत तस्करों पर सख्त धाराएं लगाई जाएंगी, जिससे उनकी अवैध गतिविधियों पर रोक लग सके। गरीब और मजदूर वर्ग को घर बनाने में दिक्कतें नहीं होने दी जाएंगी।”
मंत्री के इस बयान से रेत माफियाओं में खलबली मच गई है, लेकिन उनकी आदतें अब भी नहीं बदली हैं। सरकार के सख्त कदम और कार्रवाइयों का असर जल्द दिखने की उम्मीद है।
आमजन की उम्मीदें जागी
चंद्रशेखर बावनकुले के इस कड़े रुख ने आम जनता के मन में एक उम्मीद जगाई है। क्या इरई नदी की सुंदरता लौटेगी? क्या रेत माफियाओं पर लगाम लगाई जा सकेगी? यह आने वाले समय में सरकार की कार्रवाई पर निर्भर करता है।