चंद्रपूर प्रदूषण संकट: पंकजा मुंडे ने गठित की विशेषज्ञ समिति, 15 दिन में समाधान का वादा..

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चंद्रपूर प्रदूषण संकट: पंकजा मुंडे ने गठित की विशेषज्ञ समिति, 15 दिन में समाधान का वादा


न्यूज़ रिपोर्ट: महाराष्ट्र राज्य 

मुंबई: “जावे त्याच्या वंशा तेव्हा कळे” – इस कहावत को चरितार्थ करते हुए महाराष्ट्र की पर्यावरण मंत्री पंकजा मुंडे ने चंद्रपुर थर्मल पावर स्टेशन और वेकोलि खदानों से होने वाले प्रदूषण की गंभीरता को समझते हुए एक विशेषज्ञ समिति गठित करने की घोषणा की। इस समिति में जनप्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाएगा, और जल्द ही इस मुद्दे पर ठोस निर्णय लिया जाएगा।

यह घोषणा तब हुई जब राज्य के पूर्व वन मंत्री एवं भाजपा विधायक सुधीर मुनगंटीवार ने विधान सभा में चंद्रपुर में बढ़ते वायु, जल और ध्वनि प्रदूषण का मुद्दा उठाया। उन्होंने सरकार से तुरंत कार्रवाई की मांग की। इस पर पंकजा मुंडे ने अगले 15 दिनों में चंद्रपुर जाकर समाधान निकालने का आश्वासन दिया।


विधानसभा में उठा प्रदूषण का मुद्दा

मंगलवार को विधानसभा में विधायक सुधीर मुनगंटीवार ने चंद्रपुर महाऔष्णिक विद्युत प्रकल्प (CTPS) और वेकोलि खदानों से होने वाले प्रदूषण पर आधे घंटे की चर्चा की। इस दौरान उन्होंने बताया कि वहां की धूल, कोयला खदानों से निकलने वाला धुआं और अनियंत्रित ब्लास्टिंग से प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है।

मुनगंटीवार ने सरकार से पूछा कि जब चंद्रपुर औष्णिक वीज प्रकल्प (CTPS) की प्रदूषण विभाग से मिली अनुमति 31 मई 2024 को समाप्त हो चुकी है, तो इसे नवीनीकरण किए बिना कैसे चलाया जा रहा है? उन्होंने सरकार से इस अनुमति को रद्द करने की मांग की।


बड़े फैसलों का वादा, सख्त कार्रवाई की मांग

इस गंभीर विषय पर ध्यान देते हुए पर्यावरण मंत्री पंकजा मुंडे ने कहा कि सरकार जल्द ही:

  1. विशेषज्ञों और विधायकों की समिति गठित करेगी।
  2. स्वयं चंद्रपुर जाकर वास्तविक स्थिति की जांच करेंगी।
  3. अगर नियमों का उल्लंघन हुआ तो जुर्माना बढ़ाया जाएगा।
  4. बैंक गारंटी की रकम में वृद्धि की जाएगी।

विधायक मुनगंटीवार ने सरकार से यह भी मांग की कि बैंक गारंटी 15 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 करोड़ रुपये की जाए ताकि कंपनियों को प्रदूषण कम करने के लिए मजबूर किया जा सके। साथ ही वेकोलि (WCL) खदानों की बैंक गारंटी भी 5 लाख से बढ़ाकर 5 करोड़ करने की मांग की।


स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य पर प्रभाव

इस प्रदूषण की वजह से चंद्रपुर के मजदूरों, कर्मचारियों और स्थानीय निवासियों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। मुनगंटीवार ने मांग की कि:

  • प्रभावित इलाकों में मुफ्त स्वास्थ्य शिविर लगाए जाएं।
  • बीमार लोगों की सर्जरी और इलाज के लिए पर्याप्त आर्थिक सहायता दी जाए।
  • कोयला खदानों में होने वाली अनियंत्रित ब्लास्टिंग पर कड़ा नियंत्रण लगाया जाए।
  • थर्मल पावर स्टेशन के कोल हैंडलिंग प्लांट का नवीनीकरण किया जाए।

पर्यावरण संतुलन के लिए CSR का उपयोग

मंत्री पंकजा मुंडे ने कहा कि चंद्रपुर और आसपास के उद्योगों के कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) फंड का उपयोग प्रदूषण नियंत्रण और पर्यावरण संतुलन के लिए किया जाएगा।

उन्होंने यह भी कहा कि जागरूकता बढ़ाने के लिए चंद्रपुर में डिजिटल डिस्प्ले बोर्ड लगाए जाएंगे, जिससे लोगों को प्रदूषण के खतरों और सरकारी उपायों की जानकारी मिल सके।


निष्कर्ष

चंद्रपुर में लगातार बढ़ते प्रदूषण को लेकर सरकार ने विशेषज्ञ समिति बनाने और सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है। अब देखना होगा कि 15 दिनों में सरकार कितना ठोस कदम उठाती है और स्थानीय जनता को इससे कितनी राहत मिलती है।