शोभा फडणवीस के बयान से भाजपा में घमासान!

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शोभा फडणवीस के बयान से भाजपा में घमासान! कार्यकर्ताओं ने लगाए कांग्रेस प्रेम और दोहरी भूमिका के गंभीर आरोप.?

चंद्रपुर | प्रतिनिधी | ग्लोबल महाराष्ट्र न्यूज नेटवर्क

दि. 07 एप्रिल 2025

पुरी खबर :- भारतीय जनता पार्टी के चंद्रपुर जिल्हा स्थापना दिवस कार्यक्रम के दौरान पूर्व मंत्री शोभा फडणवीस द्वारा दिए गए बयान ने पार्टी के भीतर नए विवाद को जन्म दे दिया है। पार्टी संगठन को मजबूत करने की बात करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि “हमारी पार्टी कांग्रेस जैसी न लगे”, इस बयान को लेकर पार्टी के भीतर विरोध के सुर तेज हो गए हैं। कार्यकर्ताओं का आरोप है कि शोभा फडणवीस ने यह बयान देकर न केवल वरिष्ठ नेताओं पर अप्रत्यक्ष कटाक्ष किया, बल्कि स्वयं के बीते वर्षों के कांग्रेससदृश आचरण पर पर्दा डालने की कोशिश की है।

‘पार्टी के भीतर कांग्रेस’? – शोभा फडणवीस पर उठे सवाल?

शोभा फडणवीस का यह बयान तब आया जब चंद्रपुर जिले में भाजपा अपने संगठनात्मक ढांचे को मज़बूत करने की कोशिश में लगी हुई है। हालांकि, भाजपा के ही कई वरिष्ठ व सक्रिय कार्यकर्ताओं ने शोभा फडणवीस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि पिछले पंद्रह वर्षों में उन्होंने न तो भाजपा प्रत्याशियों के लिए प्रचार किया और न ही पार्टी के किसी आंदोलन में सक्रिय सहभाग लिया।

विशेषकर, पूर्व मंत्री सुधीर मुनगंटीवार के खिलाफ उनके लंबे समय से जारी विरोध को लेकर कार्यकर्ताओं में खासा रोष है। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, मुनगंटीवार को मंत्री पद से दूर रखने में शोभा फडणवीस की भूमिका हमेशा संदिग्ध रही है।

2024 के चुनाव में कांग्रेस को दी गई ‘मदद’?

सबसे गंभीर आरोप जो सामने आया है, वह है 2024 के विधानसभा चुनावों में बल्लारपुर विधानसभा सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार संतोष रावत को परोक्ष रूप से मदद पहुंचाने का। बताया जा रहा है कि बैंक घोटाले के आरोपों में घिरे रावत पर SIT जांच लागू न हो, इसके लिए शोभा फडणवीस ने प्रयास किए। इस प्रकरण को लेकर भाजपा के स्थानीय कार्यकर्ता बेहद आक्रोशित हैं।

प्रचार से रही दूर, फिर भी करती हैं नसीहतें – कार्यकर्ताओं में नाराज़गी

यह भी आरोप है कि बल्लारपुर निवासी होते हुए भी उन्होंने कभी सुधीर मुनगंटीवार या हंसराज अहीर के प्रचार में भाग नहीं लिया। ना रैलियों में हिस्सा, ना सभाओं में उपस्थिति – ऐसे में पार्टी के समर्पित कार्यकर्ताओं में यह भावना गहराई है कि “जिन्होंने पार्टी के लिए कुछ नहीं किया, वे आज दूसरों को उपदेश दे रहे हैं।”

‘पुतना मौसी’ जैसी भूमिका? – तीखी प्रतिक्रिया

कुछ कार्यकर्ताओं ने तो शोभा फडणवीस की तुलना ‘पुतना मौसी’ से कर डाली है – अर्थात् बाहर से प्रेमभाव और भीतर से विष घोलने वाली भूमिका। कार्यकर्ताओं का कहना है कि “जो नेता खुद पिछले दरवाजे से कांग्रेस की मदद करते हैं, वे जब ‘कांग्रेसीकरण रोको’ का नारा लगाते हैं, तो यह हास्यास्पद लगता है।”

पार्टी नेतृत्व पर दबाव – होगी क्या कार्रवाई?

इस पूरे प्रकरण से भाजपा की जिला इकाई असमंजस में है। कार्यकर्ताओं की मांग है कि ऐसे नेताओं पर कार्यवाही होनी चाहिए, जो पार्टी के भीतर रहकर उसकी जड़ों को खोखला कर रहे हैं।

अब देखना यह है कि क्या पार्टी नेतृत्व इस विवाद को गंभीरता से लेते हुए कोई ठोस कदम उठाता है, या फिर इसे अनदेखा कर पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ताओं की भावनाओं को ठेस पहुंचने देती है।