सनसनीखेज़: चंदनखेडा और माढेली क्षेत्र में MSEB इंजीनियर और लाइनमैन की मनमानी से जनता परेशान!

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सनसनीखेज़: चंदनखेडा और माढेली क्षेत्र में MSEB इंजीनियर और लाइनमैन की मनमानी से जनता परेशान!

 
 
वरोरा/चंद्रपुर 
दिनांक: 24 मई 2025
रिपोर्ट: मोहित हिवरकर वरोरा
 
पुरी खबर :- एक तरफ जहां भीषण गर्मी और बढ़ते बिजली बिलों से लोग पहले ही परेशान हैं, वहीं दूसरी ओर चंदनखेडा और माढेली क्षेत्र में बिजली विभाग (MSEB) के इंजीनियरों और लाइनमैन की लापरवाही और मनमानी लोगों की परेशानी को और बढ़ा रही है। बिजली की बार-बार कटौती, शिकायतों पर ध्यान न देना, और कॉल रिसीव न करना — इन सब कारणों से ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ताओं में गुस्सा बढ़ता जा रहा है।
शिकायतों पर नहीं होती कार्रवाई
चंदनखेडा के शेगाव खुर्द गांव और आस-पास के क्षेत्रों में कृषि पंप की बिजली आपूर्ति पिछले कई दिनों से ठप है। गांव के सरपंच और प्रतिष्ठित नागरिकों द्वारा जब इंजीनियर और लाइनमैन को कॉल किए जाते हैं, तो या तो फोन नहीं उठाया जाता या फिर टालनेवाले जवाब मिलते हैं। वहीं, बिजली बिल का भुगतान समय पर न करने पर कनेक्शन काट दिया जाता है। ग्रामीण उपभोक्ता इस दोहरे रवैये से बेहद नाराज़ हैं और मांग कर रहे हैं कि वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा संबंधित अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए जाएं।
माढेली ऑफिस का फोन एक महीने से बंद!
माढेली क्षेत्रीय कार्यालय का टेलीफोन पिछले एक महीने से बंद पड़ा है। ऐसे में उपभोक्ता अपनी शिकायतें कैसे दर्ज कराएं, यह एक बड़ा सवाल बन गया है। बताया जा रहा है कि अभियंता शाम 5 बजे के बाद फोन बंद कर देते हैं, जिससे आमडी और नीलजई जैसे गांवों के लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
लाइनमैन की मनमानी से गांवों में अंधेरा
लाइनमैन गोवलकर पर आरोप है कि उन्होंने पिछले 7 दिनों से आमडी और नीलजई गांव की कृषि बिजली लाइन बंद कर रखी है। किसानों की बार-बार शिकायतों के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। लोगों का कहना है कि यदि जल्द ही समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो जनता का आक्रोश इतना बढ़ सकता है कि मामला हिंसक रूप ले सकता है।
प्रशासन तत्काल कार्रवाई करे
महावितरण (MSEB) की इस उदासीनता और गैर-जिम्मेदाराना रवैये से ग्रामीण क्षेत्रों के उपभोक्ताओं का भरोसा उठता जा रहा है। अगर जल्द ही समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो जनता आंदोलन या उग्र कदम उठा सकती है। प्रशासन से मांग है कि संबंधित इंजीनियरों और कर्मचारियों पर कार्रवाई कर उपभोक्ताओं की समस्याओं का तुरंत समाधान किया जाए।