चंद्रपुर : पडोली पुलिस स्टेशन क्षेत्र में धड़ल्ले से चल रहा झेंडीमुंडी जुआ – पत्रकार पर हमला, जल्द ही आला अधिकारियों से शिकायत..

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चंद्रपुर : पडोली पुलिस स्टेशन क्षेत्र में धड़ल्ले से चल रहा झेंडीमुंडी जुआ – पत्रकार पर हमला, जल्द ही आला अधिकारियों से शिकायत 

चंद्रपुर/महाराष्ट्र 

दि. 20 सप्टेबर 2025

संवाददाता:- अनुप यादव, ग्लोबल महाराष्ट्र न्यूज 

पुरी खबर :- पडोली पुलिस स्टेशन के अंतर्गत अवैध झेंडीमुंडी जुआ धड़ल्ले से चल रहा है और अब यह पत्रकारों की जान पर भी भारी पड़ रहा है।

कुछ दिन पहले एक पत्रकार ने जब इस अवैध जुए की हकीकत उजागर करने की कोशिश की, तो झेंडीमुंडी संचालक कैलास दुर्गे ने पत्रकार से कहा – “तू यहां क्यों आया और वीडियो क्यों बना रहा है?” और फिर उस पर मारपीट कर दी।

पुलिस ने शिकायत तक नहीं ली

पीड़ित पत्रकार ने घटना की लिखित शिकायत पडोली पुलिस स्टेशन में देने की कोशिश की। लेकिन पुलिस ने उसकी शिकायत दर्ज करने से इनकार कर दिया।
यही नहीं, आरोप है कि पुलिस ने उल्टे यह जानकारी कैलास दुर्गे तक पहुंचाई और कहा कि – “पत्रकार को कुछ देकर मामला निपटा लो।”

पुलिस संरक्षण का आरोप

पत्रकार ने गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि जब वह शिकायत दर्ज करने पुलिस स्टेशन पहुंचा, तो वहां मौजूद दो स्टार पुलिस अधिकारी ने खुद अवैध झेंडीमुंडी मालिक को थाने बुलाया और मामले को दबाने की कोशिश की। लेकिन पुलिस का संरक्षण देखकर कैलास दुर्गे के गुर्गे ने वहीं थाने में पत्रकार को धमकी तक दे डाली।

यह घटना पत्रकारों की सुरक्षा और पुलिस की कार्यप्रणाली पर गहरे सवाल खड़े करती है।

पुलिस की विश्वसनीयता पर सवाल

पत्रकार पर हमला होने के बावजूद एफआईआर दर्ज न करना, अवैध जुए को संरक्षण देना और ऊपर से “हफ्ताखोरी” की चर्चाएं – यह सब मिलकर पुलिस की विश्वसनीयता और कार्यक्षमता पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगाते हैं।

मुख्य सवाल –

👉 क्या पडोली पुलिस की भूमिका अवैध धंधों को संरक्षण देने वाली है?
👉 पत्रकारों पर हमला करने वाले अवैध धंधेबाजों को आखिर कब तक संरक्षण मिलता रहेगा?
👉 क्या पुलिस की कार्यप्रणाली से पडोली क्षेत्र में “बिहार राज” जैसा माहौल बन रहा है?

नागरिकों की मांग

स्थानीय नागरिकों का कहना है कि अगर समय रहते इस पर रोक नहीं लगी तो हालात और बिगड़ सकते हैं।
लोगों ने पुलिस अधीक्षक से मांग की है कि वे तुरंत संज्ञान लें और पडोली क्षेत्र में कानून-व्यवस्था को पटरी पर लाएँ।

इस पुरे विषय को लेकर जल्द ही जिले के आला अधिकारियों को शिकायत दर्ज कराई जाएगी.!