CSTPS से हर महीने 30 लाख की अवैध वसूली, सबकी हिस्सेदारी तय? सुरक्षाकर्मी और प्रशासन की भूमिका पर उठे गंभीर आरोप.?

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चंद्रपुर: अपराध का जाल और CSTPS पाइपलाइन चोरी का काला कारोबार उजागर?
 
CSTPS से हर महीने 30 लाख की अवैध वसूली, सबकी हिस्सेदारी तय?
 
सुरक्षाकर्मी और प्रशासन की भूमिका पर उठे गंभीर आरोप.?
 
भाग — 2
 
चंद्रपुर/महाराष्ट्र 
दि. 25 सितंबर 2025
संवाददाता:– अनुप यादव, ग्लोबल महाराष्ट्र न्यूज अॅड ग्लोबल मिशन न्यूज 
 
 
पुरी खबर:– चंद्रपुर: अपराध का जाल और एक सवालिया निशान.??
पिछले कुछ वर्षों में चंद्रपुर जिले में अपराध जगत का एक नया चेहरा सामने आया है, जहां माफियाओं का एक मजबूत नेटवर्क तैयार हो गया है। ऐसा लगता है कि युवाओं में अपराध के प्रति आकर्षण तेजी से बढ़ रहा है, और इसके पीछे का एक बड़ा कारण सोशल मीडिया पर इन अपराधियों का बढ़ता प्रभाव है। वे कम समय में धन और शक्ति का प्रदर्शन कर रहे हैं, जो युवाओं को अपनी ओर खींच रहा है, भले ही इसका अंत विनाशकारी ही क्यों न हो।
विश्लेषकों का मानना है कि इस स्थिति का मुख्य कारण प्रशासन की ढिलाई और कथित संलिप्तता है। ऐसा लगता है कि कुछ लोग अपनी “रोटी सेंकने” में व्यस्त हैं, और अपराधों को अनदेखा कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें अपना हिस्सा समय पर मिल रहा है। यह एक गंभीर आरोप है, जो इस बात पर सवाल उठाता है कि क्या कानून व्यवस्था बनाए रखने वाले ही इस समस्या को बढ़ावा दे रहे हैं।
CSTPS में ‘ तुम्हारी भी जय जय हमारी भी जयजय’ का आपराधिक रूप
चंद्रपुर शहर से कुछ ही दूरी पर स्थित पडोली पुलिस स्टेशन के तहत, चंद्रपुर सुपर थर्मल पावर स्टेशन (CSTPS) में खुलेआम पाइपलाइन चोरी की घटनाएं हो रही हैं। यह सवाल उठता है कि क्या CSTPS प्रशासन को इसकी जानकारी नहीं है? यह समझना मुश्किल है कि स्टेशन का अपना ही माल और सुरक्षाकर्मी होने के बावजूद लाखों रुपये की पाइपलाइनें हर दिन चोरी हो रही हैं।
सूत्रों के अनुसार, यह सब एक सुनियोजित ढंग से हो रहा है, जहां सबकी हिस्सेदारी तय है। हर महीने लगभग 30 लाख रुपये की अवैध वसूली चल रही है, जिसमें सभी संबंधित पक्षों का हिस्सा समय पर पहुंच रहा है। इसी कारण यह अवैध काम ‘तुम्हारी भी जय जय हमारी भी जयजय’ के आपराधिक नारे के तहत फल-फूल रहा है।
इस पूरे गोरखधंधे में CSTPS में चल रहे ईंट भट्ठों से जुड़े लोग भी शामिल हैं। इन भट्ठों के लिए उड़ीसा से खास तौर पर मजदूर (ओड़िया लेबर) बुलाए जाते हैं, जिनका कोई सत्यापन (वेरीफिकेशन) नहीं किया जाता। इन मजदूरों का इस्तेमाल पाइपलाइन खोदने और चोरी करने के लिए किया जाता है। सूत्रों ने श्रीकांत काले और आशिम शेख नामक दो व्यक्तियों का नाम लिया है, यह ईंट भट्टी के नाम पर पुरा गोरखधंधा चल रहा है। जो इस चोरी को अंजाम देते हैं और इन पाइप लाइनों को खरीदते भी हैं। चोरी के इस काम में जेसीबी मशीनों का भी इस्तेमाल हो रहा है, जो ईंट भट्ठों से लाई जाती हैं। इन मशीनों से खुदाई और लोडिंग का काम होता है, और फिर चोरी का माल कबाड़ की दुकानों तक पहुंचाया जाता है।
 CSTPS प्रशासन और सुरक्षाकर्मियों की भूमिका.?
 
इस स्थिति पर सबसे बड़ा सवाल CSTPS प्रशासन और सुरक्षाकर्मी सुशील घोंगले की भूमिका पर उठता है। यदि ये सभी जानते हुए भी इसे अनदेखा कर रहे हैं, तो यह सीधे-सीधे अपराध को संरक्षण देने जैसा है। इन सभी पर यह आरोप है कि वे अपने हिस्से के लिए इस अवैध काम को चलने दे रहे हैं, जिससे न केवल CSTPS को बल्कि पूरे चंद्रपुर जिले को हर्जाना भुगतना पड़ रहा है। इस तरह के गंभीर आरोप यह दर्शाते हैं कि अगर कानून के रखवाले ही अपराधियों के साथ मिल जाएं, तो आम जनता की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित हो सकती है?
जल्द ही इस पुरे गोरख धंधे का पर्दा फास होगा और जनता के सामने रखा जाएगा इसका जवाब CSTPS प्रषासन के आला अधिकारियों को देना होगा?