ग्राहक ने गिरवी रखा सोना, फिर भी नहीं मिले 1 लाख रुपये – बैंक की मनमानी से बढ़ा तनाव, आरबीआई में शिकायत की तैयारी..

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चंद्रपुर में ए_यू स्मॉल फाइनेंस बैंक की लापरवाही!

ग्राहक ने गिरवी रखा सोना, फिर भी नहीं मिले 1 लाख रुपये – बैंक की मनमानी से बढ़ा तनाव, आरबीआई में शिकायत की तैयारी


चंद्रपुर, महाराष्ट्र | ग्लोबल मिशन न्यूज़ ब्यूरो रिपोर्ट

चंद्रपुर शहर में आज एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है जिसने बैंकिंग प्रणाली की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
मामला है A_U Smoll Finance Bank (एयू स्मॉल बैंक) का — जहां एक ग्राहक ने बैंक में अपना सोना गिरवी रखकर लोन लेने की प्रक्रिया पूरी करने के बाद भी उसे पैसे नहीं दिए गए।


🔹 4 घंटे की औपचारिकताएं, फिर भी “पैसे नहीं मिले”

मिली जानकारी के अनुसार,
शकील पठान नामक व्यक्ति आज सुबह A_U Smoll Finance Bank, चंद्रपुर शाखा पहुंचे।
उन्होंने बैंक कर्मचारियों को बताया कि उन्हें अपने सोने के बदले 1 लाख रुपये का लोन चाहिए।
बैंक कर्मियों ने उन्हें थोड़ी देर इंतजार करने को कहा।

करीब एक घंटे तक इंतजार करने के बाद सकील पठान को बुलाया गया और उनके नाम से नया बैंक खाता खोला गया
इस पूरी प्रक्रिया में 3 से 4 घंटे का समय बीत गया।
इसके बाद बैंक ने उन्हें कहा कि “थोड़ा और इंतजार कीजिए, वैल्युएर आने वाला है” जो सोने की जांच और मूल्यांकन करेगा।


🔹 वैल्युएशन पूरी, लेकिन पैसा नहीं मिला

करीब दो घंटे बाद वैल्युएर पहुंचा, सोने की जांच की और पूरी प्रक्रिया पूरी की गई।
अब केवल बैंक को 1 लाख रुपये उनके खाते में ट्रांसफर करने थे,
लेकिन बैंक की ओर से जवाब मिला —

“आप जाइए, आपके खाते में पैसे जमा हो जाएंगे।”

हालांकि, शाम 7 बजे तक भी पैसे खाते में नहीं पहुंचे।
जब सकील पठान ने फिर से बैंक कर्मचारियों से संपर्क किया,
तो चौंकाने वाला जवाब मिला —

“पैसे नहीं आए हैं, तो आप अपने गहने वापस ले जाइए।”


🔹 “मैं वणी के चारगांव चौकी में हूं, आ नहीं सकता”

शकील पठान ने बैंक को बताया कि वे इस समय वणी के चारगांव चौकी क्षेत्र में हैं और फिलहाल बैंक नहीं आ सकते।
इसके बावजूद बैंक की ओर से कोई ठोस समाधान नहीं दिया गया।
बैंक की इस गैर-जिम्मेदाराना और मनमानी भरी कार्यशैली से न केवल ग्राहक का समय बर्बाद हुआ बल्कि उन्हें मानसिक तनाव और आर्थिक असुविधा का भी सामना करना पड़ा।


🔹 ग्राहक का आरोप — “RBI के नियमों का उल्लंघन”

सकील पठान का कहना है कि बैंक ने
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा निर्धारित गोल्ड लोन के नियमों का उल्लंघन किया है।
उन्होंने कहा —

“बैंक ने मेरे सोने की वैल्यू लेकर भी पैसा ट्रांसफर नहीं किया,
उल्टा मुझे गहने वापस लेने की बात कह दी।
ये सीधा RBI के मानकों और बैंकिंग एथिक्स का उल्लंघन है।”

उन्होंने बताया कि वे इस मामले की औपचारिक शिकायत थाने में और RBI के क्षेत्रीय कार्यालय में करने वाले हैं।


🔹 बैंकिंग सिस्टम पर सवाल

यह घटना इस बात का स्पष्ट उदाहरण है कि
ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों में कार्यरत कुछ निजी बैंक किस तरह
ग्राहकों को अनावश्यक देरी, तकनीकी बहानों और कागजी औपचारिकताओं में उलझा देते हैं।
सोना गिरवी रखकर लोन लेना एक पारदर्शी प्रक्रिया मानी जाती है,
लेकिन इस तरह की घटनाएँ ग्राहकों के विश्वास और बैंकिंग व्यवस्था की साख पर गहरा आघात करती हैं।


🔹 ग्लोबल मिशन न्यूज़ का सवाल

क्या A_U Smoll Finance Bank ने
वास्तव में RBI के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया है?
क्या बिना पैसा दिए, ग्राहक का सोना रखना
कानूनी तौर पर अपराध की श्रेणी में आता है?
इन सवालों के जवाब अब प्रशासन और बैंक नियामक संस्था RBI को देने होंगे।


🔹 आगे क्या?

सकील पठान जल्द ही
इस मामले की शिकायत लेकर चंद्रपुर पुलिस थाने और RBI दोनों जगह पहुंचने वाले हैं।
वहीं, नागरिकों और ग्राहकों के बीच अब यह चर्चा शुरू हो गई है कि
यदि एक प्रतिष्ठित निजी बैंक में ऐसा हो सकता है,
तो आम लोगों की बैंकिंग सुरक्षा का क्या भरोसा रह गया है?


📍 निष्कर्ष

एयू स्मॉल बैंक की यह घटना न केवल एक ग्राहक की परेशानी की कहानी है,
बल्कि यह पूरे बैंकिंग सेक्टर के लिए चेतावनी का संकेत है।
जहां नियमों की अनदेखी और ग्राहक की असुविधा को
“सिस्टम की गलती” कहकर टाल देना आम होता जा रहा है।

अगर समय रहते ऐसी घटनाओं पर कार्रवाई नहीं हुई,
तो “गोल्ड लोन” के नाम पर चल रहे बैंकिंग शोषण की यह श्रृंखला
आगे और गहरी जड़ें जमा सकती है।