श्याम तेरे का एक और कारनामा आया सामने, 5 हजार ब्रास की परमीशन 15 हजार ब्रास उत्खनन.? 

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श्याम तेरे  का एक और कारनामा आया सामने, 5 हजार ब्रास की परमीशन 15 हजार ब्रास उत्खनन.? 

अब बगैर लायल्टी के मुरुम का खुलेआम उत्खनन.? 

 

चंद्रपुर/महाराष्ट्र
दि. 21 मई 2024
रिपोर्ट : अनुप यादव मुख्य संवाददाता ग्लोबल महाराष्ट्र न्यूज नेटवर्क

पुरी खबर :- चंद्रपुर जिले में खनन माफियाओं का आतंक रुकने का नाम ही नही ले रहा है. चारों ओर दिमक की तरह जिले को खोखला कर रहे माफियाओं के हौसले बुलंद है. जिसमे अवैध तस्करी कर अपार संम्मती के मालिक, खनन माफियाओं ने शासन प्रशासन को ठेंगा दिखा रहे है. और सरकारी नीयमो को ताक पर रख माफिया राज कायम रखे हुए हैं.

जानकारी के अनुसार जिले में विख्यात श्याम तेरे ने अब बल्लारपुर का रुख कर अवैध मुरुम की तस्करी को अंजाम दे रहा है. पहले ही भद्रावती तहसील अंतर्गत चक तीरवंजा और मोकासा तीरवंजा की जांच पूरी नही हुई है, की श्याम तेरे के राजनीतिक संबंध अवैध तस्करी को अंजाम तक ले जाने में महत्वपूर्ण भुमिका निभा रहे हैं. श्याम तेरे ने जो भ्रद्रावती में अवैध मुरुम का उत्खनन किया, उस प्रकरण की शिकायत के बाद भी भद्रावती तहसीलदार के द्वारा की गई कार्रवाई आश्चर्य जनक है.! क्योंकी भद्रावती में जहां अवैध मुरुम का उत्खनन हुआ है वहां पहले ही वेकोली ने सेक्सन 11 लगा दिया था. फिर भी तहसीलदार द्वारा मुरुम के उत्खनन की अनुमती देना नियम के विपरीत माना जा रहा है. यहां पर श्याम तेरे के भद्रावती तहसीलदार सोनवने से मधुर संबंध, अवैध कार्य प्रणाली को बढ़ावा देते नजर आ रहे है? वही अब बल्लारपुर में एक और कारनामा सामने आया है.

बतादे बल्लारपूर के कवटची गावं में बडे पैमाने में अवैध मुरुम के उत्खनन होने की जानकारी सामने आ रही है. जिसमे श्याम तेरे के द्वारा उत्खनन करने की जानकारी सुत्रो द्वारा प्राप्त हुई है? जिसमे श्याम तेरे ने पहले तो 5 हजार ब्रास मुरुम उत्खनन की अनुमती ली और 15 हजार ब्रास मुरुम का अवैध उत्खनन किया.!

पर आज एक और सनसनीखेज घटना कवटची गावं से सामने आ रही है. जिसमे मुरुम का उत्खनन तो किया जा रहा है, पर परमीश हि (रायल्टी) नहीं है. यह अवैध उत्खनन बल्लारपुर तहसील अंतर्गत खुलेआम बगैर किसी रोक टोंक प्रशासन के नाक के नीचे खुलेआम जारी है. आज जहां नव नियुक्त पुलिस अधीक्षक मुमक्का सुदर्शन के आदेश पर स्थानीय गुनाह शाखा की कार्यवाही ने तंबाकू माफियाओं पर कुछ हद्द तक लगाम कसी जा सकी है. वही दुसरी ओर राजनीति रुसुक का इस्तेमाल कर माफिया राज स्थापित करने वाले मौका परस्त तथाकथित नेताओं पर लगाम कसना प्रशासन के बस का दिखाई नही पड़ता है?

अब बल्लारपुर तहसील अंतर्गत, तहसीलदार मेडम को क्या यहा हो रहा मुरुम उत्खनन संज्ञान में है? या फिर राजनीतिक रसुख का फायदा उठा मुरुम का उत्खनन लगातार श्याम थेरे द्वारा किया जा रहा है? ऐसे कई सवाल आने वाले समय में जनता खड़े करेगी. क्या श्याम तेरे से प्रशासन डरा हुआ है.?
क्या श्याम तेरे को सत्ताधारी पक्ष बचाव रहा.? ऐसे कई सवाल जनता के मन मे उठ रहे है.


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