
लॉयड्स मेटल्स एंड एनर्जी लिमिटेड के विस्तार पर स्थानीय निवासियों का विरोध..
उसगाव निवासीयो की विरोध, पहले ही कंपनी के प्रदुषण से परेशान थे अब ज़ीना मुश्किल होगा.?
चंद्रपुर/महाराष्ट्र
दि. 29 सप्टेम्बर 2024
रिपोर्ट : मुख्य संवाददाता अनुप यादव ग्लोबल महाराष्ट्र न्यूज नेटवर्क
पुरी खबर : — चंद्रपुर जिले के घुग्घुस शहर में स्थित लॉयड्स मेटल्स एंड एनर्जी लिमिटेड के प्रस्तावित विस्तार के खिलाफ स्थानीय निवासियों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। इस परियोजना को लेकर क्षेत्र में गहरी चिंता व्याप्त है, क्योंकि इससे पर्यावरण और स्थानीय जनता के स्वास्थ्य पर गंभीर खतरे मंडरा रहे हैं। आगामी 30 सितंबर, 2024 को इस विस्तार परियोजना पर सुनवाई होनी है, लेकिन उससे पहले ही स्थानीय संगठन और नागरिक इस विस्तार के खिलाफ अपने विरोध प्रकट कर रहे हैं।
इस विषय में अनुपम बहुउद्देशीय सामाजिक संस्था के अध्यक्ष अनुप चंद्रपाल यादव ने केंद्रीय सतर्कता आयोग को एक शिकायती पत्र भेजा है, जिसमें उन्होंने परियोजना के खिलाफ कड़े कदम उठाने का अनुरोध किया है। यादव ने इस पत्र में बताया कि वर्तमान संयंत्र के संचालन से ही इस क्षेत्र में वायु और जल प्रदूषण का स्तर खतरनाक हद तक बढ़ चुका है, और प्रस्तावित विस्तार से स्थिति और खराब होने की आशंका है।
पर्यावरण और स्वास्थ्य पर असर
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घुग्घुस और आसपास के इलाकों में पहले से ही प्रदूषण एक गंभीर समस्या बनी हुई है। वायु और जल प्रदूषण के कारण स्थानीय निवासियों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। यादव का कहना है कि कई बार लॉयड्स मेटल्स एंड एनर्जी लिमिटेड ने प्रदूषण नियंत्रण के नियमों का उल्लंघन किया है, और इसको लेकर सामाजिक संगठनों ने महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एमपीसीबी) में शिकायतें भी दर्ज कराई हैं। कंपनी पर आरोप है कि वह अपने संचालन में प्रदूषण मानकों का पालन नहीं कर रही है, जिससे आसपास के ग्रामीण इलाकों में लोगों को सांस संबंधी और अन्य गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है।
यादव ने अपने पत्र में कहा है कि कंपनी के विस्तार से प्रदूषण का स्तर और भी बढ़ जाएगा, जिससे न केवल पर्यावरण को बल्कि वहां के निवासियों के स्वास्थ्य को भी खतरा होगा। इसके अलावा, उन्होंने बताया कि प्रदूषण का असर नदियों और भूजल स्तर पर भी हो रहा है, जिससे किसानों को सिंचाई के लिए साफ पानी मिलना मुश्किल हो रहा है।
स्थानीय संगठनों की मांग
अनुपम बहुउद्देशीय सामाजिक संस्था सहित कई स्थानीय सामाजिक और पर्यावरण संगठन इस परियोजना के खिलाफ लामबंद हो गए हैं। उनका कहना है कि पहले से ही प्रदूषण की समस्या से जूझ रहे इस क्षेत्र में ऐसे किसी भी नए औद्योगिक विस्तार की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
संस्था के अध्यक्ष यादव ने केंद्रीय सतर्कता आयोग से इस परियोजना पर तत्काल रोक लगाने की अपील की है। उनका कहना है कि इस विस्तार से स्थानीय पर्यावरण और नागरिकों की सेहत को होने वाले संभावित खतरों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। उन्होंने केंद्रीय सतर्कता आयोग से अनुरोध किया कि वे इस मामले में हस्तक्षेप करें और परियोजना के विस्तार को रोका जाए।
प्रशासन से भी की गई अपील
यादव ने अपने शिकायती पत्र की प्रतिलिपि चंद्रपुर के पालकमंत्री, जिलाधिकारी, महाराष्ट्र के पर्यावरण विभाग के मुख्य सचिव, और महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अधिकारियों को भी भेजी है, ताकि वे इस मामले पर ध्यान दें और उचित कार्रवाई करें। इस विस्तार के खिलाफ स्थानीय स्तर पर बढ़ते विरोध को देखते हुए प्रशासन पर भी दबाव बढ़ता जा रहा है।
सुनवाई की तैयारी
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30 सितंबर, 2024 को होने वाली सुनवाई से पहले, स्थानीय निवासियों और संगठनों ने इस परियोजना पर व्यापक जनसमर्थन जुटाने की योजना बनाई है। उनका मानना है कि इस विस्तार को मंजूरी मिलने पर उनका जीवन और आजीविका दोनों प्रभावित होंगे। पर्यावरण और सामाजिक संगठनों का यह भी कहना है कि यदि समय रहते इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया, तो इसके दीर्घकालिक परिणाम न केवल इस क्षेत्र के लोगों के लिए बल्कि पूरे पर्यावरण के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं।



