
मऊगंज में आदिवासियों का हमला: पुलिस टीम पर लाठी-डंडों से हमला, एएसआई की मौत..!
तहसीलदार समेत कई घायल
मऊगंज (मध्य प्रदेश) – मऊगंज जिले के शाहपुर थाना क्षेत्र के गड़रा गांव में शनिवार को एक बड़ा विवाद खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया। दो महीने पहले हुई सड़क दुर्घटना को लेकर गुस्साए आदिवासी परिवार ने एक युवक को बंधक बनाकर उसकी पिटाई की। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस टीम पर भी हमला कर दिया गया। इस हिंसक झड़प में एएसआई बृहस्पति पटेल की मौत हो गई, जबकि थाना प्रभारी समेत कई पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए।
घटना के बाद पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया। इलाके में तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
कैसे शुरू हुआ विवाद?
इस घटना की जड़ें दिसंबर 2024 में हुई एक सड़क दुर्घटना से जुड़ी हैं। हादसे में अशोक कुमार आदिवासी नाम के युवक की मौत हो गई थी। परिवार ने इसे एक साधारण दुर्घटना मानने से इनकार कर दिया और सनी द्विवेदी नामक युवक पर हत्या का आरोप लगाया।
होली के दिन, शाम करीब 4 बजे, अशोक के परिवार और कुछ अन्य ग्रामीणों ने सनी द्विवेदी को पकड़ लिया। उसे एक कमरे में बंद कर दिया गया और बेरहमी से पीटा गया।
सूचना मिलने पर शाहपुर थाना प्रभारी संदीप भारतीय, हनुमना तहसीलदार कुंवारे लाल पनिका, एएसआई बृहस्पति पटेल और अन्य पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे। उन्होंने बंधक युवक को छुड़ाने की कोशिश की, लेकिन इससे भीड़ भड़क उठी।
पुलिस टीम पर हमला, एएसआई की मौत
जैसे ही पुलिस और प्रशासनिक टीम कमरे में दाखिल हुई, आदिवासी परिवार और अन्य ग्रामीणों ने लाठी-डंडों और पत्थरों से हमला कर दिया। अचानक हुए इस हमले में –
✅ एएसआई बृहस्पति पटेल गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में उनकी मौत हो गई।
✅ थाना प्रभारी संदीप भारतीय, तहसीलदार कुंवारे लाल पनिका, एसडीओपी रीडर अंकित शुक्ला और 25वीं बटालियन के जवान जवाहर सिंह यादव समेत कई पुलिसकर्मी घायल हो गए।
✅ हमले के दौरान कुछ पुलिसकर्मी मौके पर ही फंस गए और उन्हें भी बंधक बना लिया गया।
हालात बिगड़ते देख थाना प्रभारी संदीप भारतीय ने उच्च अधिकारियों को सूचित किया, जिसके बाद मऊगंज और आसपास के थानों से अतिरिक्त पुलिस बल मौके पर भेजा गया।
कमरे में मिली युवक की लाश, इलाके में भारी तनाव
जब पुलिस ने स्थिति पर काबू पाया और कमरे का दरवाजा तोड़ा, तो सनी द्विवेदी मृत हालत में पड़ा मिला। युवक की मौत के बाद माहौल और अधिक तनावपूर्ण हो गया।
इस घटना के बाद पुलिस ने दो लोगों को हिरासत में लिया, लेकिन इस पर ग्रामीणों ने फिर विरोध शुरू कर दिया। बढ़ते तनाव को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया और गांव में सुरक्षा बढ़ा दी गई।
इलाके में तनाव, भारी पुलिस बल तैनात
घटना के बाद पूरे क्षेत्र में पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है।
▶ दो आरोपियों को हिरासत में लिया गया।
▶ घटना में शामिल अन्य लोगों की पहचान कर गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।
▶ गांव में किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
▶ शहर में धारा 144 लागू करने की संभावना जताई जा रही है।
पुलिस प्रशासन और जनता में आक्रोश
एएसआई बृहस्पति पटेल की मौत के बाद पुलिस विभाग में आक्रोश है। अधिकारियों का कहना है कि कानून व्यवस्था को चुनौती देने वाले किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा।
इधर, सनी द्विवेदी के परिवार वालों ने भी इंसाफ की मांग की है। उनका कहना है कि उनके बेटे की हत्या की गई है और सभी दोषियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
घटना के बाद प्रशासन पूरी तरह से सतर्क हो गया है। पुलिस अधीक्षक (SP) और जिलाधिकारी (DM) खुद मामले की मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
SP मऊगंज ने कहा:
“यह एक गंभीर मामला है। पुलिस कर्मियों पर हमला करना कानून व्यवस्था के लिए खतरा है। सभी दोषियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। स्थिति अब नियंत्रण में है।”
मध्य प्रदेश सरकार की प्रतिक्रिया:
राज्य सरकार ने घटना को गंभीरता से लिया है। गृह विभाग की ओर से वरिष्ठ अधिकारियों को मामले की विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।
ग्रामीणों और नेताओं की प्रतिक्रिया
घटना के बाद इलाके में गुस्से और डर का माहौल है।
- स्थानीय आदिवासी नेताओं का कहना है कि पुलिस को मामले की निष्पक्ष जांच करनी चाहिए और बिना भेदभाव कार्रवाई करनी चाहिए।
- दूसरी ओर, पुलिस विभाग और प्रशासनिक अधिकारी इसे सीधे कानून-व्यवस्था की समस्या मान रहे हैं और सख्त कार्रवाई के मूड में हैं।
निष्कर्ष
मऊगंज की यह घटना प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है। एक सड़क हादसे से शुरू हुआ विवाद अब दो मौतों और पुलिस पर हमले तक पहुंच गया है।
अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले को किस तरह सुलझाता है और आगे क्या कार्रवाई की जाती है। स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है और जल्द ही दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।



