तीन RTO अधिकारी रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार – चंद्रपुर RTO की गूंज पूरे राज्य में

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तीन RTO अधिकारी रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार – चंद्रपुर RTO की गूंज पूरे राज्य में

पुसद/यवतमाल/चंद्रपुर – एक बार फिर महाराष्ट्र का RTO विभाग भ्रष्टाचार की दलदल में फंसा नजर आया है। यवतमाल जिले के पुसद RTO कैंप में ACB ने तीन सहायक मोटर वाहन निरीक्षकों को रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड़ा है।
मयूर सुधाकर मेहकरे, सुरज गोपाल बाहीते, और विभीषण शिवाजी जाधव नामक ये तीनों अधिकारी पुसद और वणी क्षेत्र में लगने वाले RTO कैंपों में खुलेआम रिश्वत वसूली कर रहे थे। इन अधिकारियों की गिरफ्तारी ने न सिर्फ यवतमाल, बल्कि चंद्रपुर जिले के RTO विभाग के भीतर फैले गहरे भ्रष्टाचार को भी उजागर कर दिया है।
चंद्रपुर RTO – भ्रष्टाचार की प्रयोगशाला
यदि यवतमाल के पुसद कैंप में भ्रष्टाचार का पर्दाफाश हुआ है, तो चंद्रपुर जिले का RTO विभाग खुद एक ‘भ्रष्ट प्रयोगशाला’ बन चुका है। यहां तो जैसे ‘भ्रष्टाचार’ एक व्यवस्था का हिस्सा बन गया है।
राजुरा, बल्लारपूर, गडचांदूर, भद्रावती, वरोरा और कोरपना जैसे इलाकों में चलने वाला ट्रांसपोर्ट व्यवसाय बिना ‘हफ्ता’ दिए एक कदम नहीं चल सकता। ट्रक और लॉरी मालिकों से लेकर ड्राइवर तक सभी कहते हैं कि –
“काम करवाना है तो जेब ढीली करो, वरना गाड़ी रोक दी जाएगी!”
तेलंगाना बॉर्डर से सटे क्षेत्रों में तो स्थिति और भी बदतर है। खुलेआम वसूली हो रही है, और विभाग के बड़े अधिकारी ‘देख कर भी अनदेखा’ कर रहे हैं। चंद्रपुर RTO विभाग में बैठे कुछ अधिकारी खुद ‘वसूली माफिया’ की भूमिका निभा रहे हैं।
जनता का आक्रोश: अब तो जेब में हाथ डालकर रिश्वत नोची जा रही है
स्थानीय जनता और ट्रांसपोर्टरों में भारी आक्रोश है। एक ट्रांसपोर्टर के शब्दों में:
“पहले टेबल के नीचे पैसे जाते थे, अब तो सामने से जेब में हाथ डालकर पैसे छीने जा रहे हैं!”
इस विभाग में अगर कोई बिना पैसे दिए काम करवा ले तो लोग उसे ‘भाग्यशाली’ मानते हैं। जनता को अब यह लगने लगा है कि
“ये विभाग जनता की सेवा के लिए नहीं, वसूली के लिए ही खड़ा किया गया है।”
कैंप का फायदा नहीं, सिर्फ भ्रष्टाचार
पुसद और वणी जैसे क्षेत्रों में हर महीने लगने वाले RTO कैंप ग्रामीणों की सुविधा के नाम पर शुरू किए गए थे। लेकिन ये अब रिश्वतखोरी के बाजार में बदल चुके हैं।
लाइसेंस से लेकर गाड़ी फिटनेस तक, हर काम के रेट फिक्स हैं। और अगर कोई भुगतान से इनकार करता है तो या तो फाइल अटका दी जाती है, या ‘दोष’ निकालकर सीधे कार्रवाई की धमकी दी जाती है।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की छवि पर प्रश्नचिन्ह
परिवहन विभाग केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के अधीन आता है। मंचों से पारदर्शिता की बात करने वाले गडकरी के अधीन कार्यरत RTO विभाग उनकी ही छवि पर कालिख पोत रहा है।
जनता अब कह रही है कि –
“गडकरीजी सड़कों पर ध्यान दे रहे हैं, लेकिन उनके विभाग में जो गड्ढे हैं, उन्हें भरने की जरूरत है!”
ACB की कार्रवाई, लेकिन चंद्रपुर पर भी हो फोकस
यवतमाल ACB ने समय रहते कार्रवाई कर भ्रष्टाचारियों को बेनकाब कर दिया है। लेकिन सवाल ये है कि चंद्रपुर RTO विभाग पर अभी तक कोई बड़ी कार्रवाई क्यों नहीं हुई?
क्या वहां बैठे भ्रष्ट अधिकारी किसी ‘राजनीतिक संरक्षण’ में हैं? क्या चंद्रपुर में ACB का डर खत्म हो गया है?
यदि आज पुसद में तीन अधिकारी पकड़े गए हैं, तो चंद्रपुर में कम से कम तीस ऐसे अधिकारी कार्यरत हैं, जो खुलेआम वसूली का खेल खेल रहे हैं।
“यदा यदा हि धर्मस्य…”
भगवान श्रीकृष्ण के वचन आज भी प्रासंगिक हैं –
“जब-जब अधर्म बढ़ता है, तब-तब मैं स्वयं प्रकट होता हूं।”
लेकिन सवाल ये है 
क्या अब इस भ्रष्ट व्यवस्था को खत्म करने कोई अवतार आएगा? या जनता को ही क्रांति की मशाल उठानी होगी?