चंद्रपुर सुपर थर्मल पावर स्टेशन (CSTPS ) में करोड़ों की चोरी: सिक्योरिटी और प्रशासन की मिलीभगत का बड़ा खेल?

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चंद्रपुर सुपर थर्मल पावर स्टेशन (CSTPS ) में करोड़ों की चोरी: सिक्योरिटी और प्रशासन की मिलीभगत का बड़ा खेल?

भाग. 1

चंद्रपुर/महाराष्ट्र 

दि. 21 सितंबर 2025 

मुख्य संवाददाता: अनुप यादव, ग्लोबल महाराष्ट्र न्यूज नेटवर्क 

पुरी खबर:- चंद्रपुर सुपर थर्मल पावर स्टेशन (CSTPS) में सुरक्षा और प्रशासन की पोल खोल देने वाला एक बड़ा घोटाला सामने आया है। बताया जा रहा है कि यहां बहुमूल्य लोहे की पाइपलाइनों को रात-दिन इंटा भट्टी की आड़ में काटकर बाहर निकाला जा रहा है। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि यह सब कुछ सिक्योरिटी इंचार्ज सुशील गांगुली और कुछ भ्रष्ट सुरक्षाकर्मियों के “आशीर्वाद” से खुलेआम हो रहा है।

स्थानीय नागरिकों ने आरोप लगाया है कि चोरी की गई पाइपलाइनें सीधे पडोली इलाके की भंगार की दुकानों में बेची जा रही हैं। सीएसटीपीएस प्रशासन को इसकी भनक होने के बावजूद आंखें मूंद लेना, इस खेल में उनकी मिलीभगत पर सवाल खड़े करता है?

चोरी का तरीका

सूत्रों के अनुसार, सीएसटीपीएस के अंदर बिछी मोटी स्टील पाइपलाइनों का इस्तेमाल वेस्ट मटेरियल (राख) को बाहर निकालने के लिए किया जाता है। इन पाइपलाइनों की लंबाई कई किलोमीटर है और इन पर रोजाना रख-रखाव (maintenance) होता है। लेकिन बीते कई वर्षों से भंगार माफिया इन पाइपलाइनों को काटकर ट्रैक्टरों में भरकर मोरवा के गुप्त रास्तों से बाहर निकाल रहे हैं। यह माल सीधे पडोली के कबाड़ी बाजार में पहुंचाया जाता है।

रोजाना लाखों का नुकसान

अनुमान है कि रोजाना लाखों रुपए की पाइपलाइनें चोरी हो रही हैं, जिससे हर महीने सीएसटीपीएस को करोड़ों का नुकसान हो रहा है। अगर पिछले कई वर्षों का हिसाब लगाया जाए तो यह घोटाला सैकड़ों करोड़ तक पहुंच सकता है। जिसकी जांच cbi से करना समय की मांग है।

संस्था की चेतावनी

अनुपम बहुउद्देशीय सामाजिक संस्था के संस्थापक अध्यक्ष अनुप यादव ने कहा:
“यह खेल कई वर्षों से जारी है। यह जनता की संपत्ति है और इसका संरक्षण जनता का कर्तव्य है। हम इसकी लिखित शिकायत सीएसटीपीएस मुख्यालय मुंबई में करेंगे और मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस जी से इसकी सीबीआई (CBI) जांच की मांग करेंगे।”

जनता के प्रशासन और सिक्योरिटी इंचार्ज गांगुली से सीधे सवाल?

  1. सीएसटीपीएस प्रशासन यह बताए कि जब पाइपलाइनें दिनदहाड़े काटी और बेची जा रही हैं तो इसकी जानकारी अधिकारियों को क्यों नहीं है? क्या यह जानबूझकर आंखें मूंद लेना नहीं है?
  2. सिक्योरिटी इंचार्ज सुशील गांगुली और उनकी एमएसएफ टीम की जिम्मेदारी ही सुरक्षा है, फिर भी चोरी लगातार कैसे हो रही है? क्या यह मिलीभगत का सबूत नहीं है?
  3. अगर रोजाना लाखों की चोरी हो रही है और हर महीने करोड़ों का नुकसान हो रहा है, तो आखिर किसकी जेब भरने के लिए प्रशासन चुप बैठा है?
  4. पाइपलाइन चोरी का माल पडोली के कबाड़ी बाजार में खुलेआम बिक रहा है, फिर भी अब तक एक भी बड़ी कार्रवाई क्यों नहीं हुई? क्या सीएसटीपीएस प्रशासन और सुरक्षाकर्मि दोनों इस खेल में साझेदार हैं?