ब्रम्हपुरी में सट्टा माफिया का साम्राज्य! खुशाल नागपुरे पर प्रशासन की चुप्पी क्यों?

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ब्रम्हपुरी में सट्टा माफिया का साम्राज्य! खुशाल नागपुरे पर प्रशासन की चुप्पी क्यों?

 
 
चंद्रपुर (ब्रम्हपुरी)
दि. 01 अक्टूबर 2025
संवाददाता: अनुप यादव ग्लोबल महाराष्ट्र न्यूज, ग्लोबल मिशन न्यूज 
 
 
पुरी खबर :– चंद्रपुर जिले की ब्रम्हपुरी तहसील इन दिनों अपराध के मामलों में तेजी से उभरकर सामने आ रही है। रेत की चोरी से लेकर सट्टा बाजार तक, हर ओर अवैध कारोबार का बोलबाला है। इस माफिया राज ने कानून व्यवस्था को सवालों के कटघरे में खड़ा कर दिया है। सबसे घातक व्यापार सट्टा है, जिसने गरीब मजदूर और मध्यम वर्ग की आर्थिक स्थिति को तहस-नहस कर दिया है।
महंगाई और बेरोजगारी से परेशान गरीब वर्ग जल्दी पैसे कमाने के लालच में सट्टा माफियाओं के जाल में फंस जाता है। “एक का दस” यानी एक रुपये लगाओ और दस रुपये पाओ का लालच इन गरीब मजदूरों और युवाओं को तेजी से अपनी गिरफ्त में ले रहा है। नतीजा यह होता है कि वे अपनी गाढ़ी कमाई गंवाकर आर्थिक संकट और कर्ज़ के जाल में फंसते चले जाते हैं।
इसी गोरखधंधे से जुड़ा नाम ब्रम्हपुरी तहसील का कुख्यात सट्टा किंग खुशाल नागपुरे है। बताया जाता है कि वह वर्षों से गरीब मजदूरों की जेब पर डाका डालते हुए करोड़ों का साम्राज्य खड़ा कर चुका है। इसी अवैध कमाई से उसने सड़कों पर आलिशान ढाबा और अन्य कारोबार खड़े किए हैं। यहां सिर्फ खाने-पीने का धंधा ही नहीं, बल्कि कथित “सेटिंग” और “बुट पॉलिश” का खेल भी चलता है। सूत्रों का कहना है कि अधिकारी इस व्यवस्था से संतुष्ट होकर खुशाल नागपुरे पर मेहरबान बने रहते हैं।
सबसे हैरानी की बात यह है कि यह धंधा सालों से खुलेआम चल रहा है, लेकिन अब तक किसी जिम्मेदार अधिकारी ने इस पर कार्रवाई की हिम्मत नहीं दिखाई। सवाल यह उठता है कि आखिर क्यों प्रशासन आंखें मूंदकर बैठा है? क्या वाकई “सेटिंग” और आर्थिक साठगांठ इतनी मजबूत है कि अधिकारी इस अवैध व्यापार को नजरअंदाज करते हैं? पुलिस प्रशासन की यह खामोशी अब जनता के बीच सवाल बन गई है।
ब्रम्हपुरी और नागभीड़ के ग्रामीणों का कहना है कि खुशाल नागपुरे जैसे सट्टा माफियाओं से उन्हें कब निजात मिलेगी। मजदूर तबका पूछ रहा है कि आखिर कब इस अवैध धंधे पर रोक लगेगी और कब उनके परिवार आर्थिक संकट से बाहर निकल पाएंगे। लोगों का यह भी आरोप है कि पुलिस प्रशासन यदि चाह ले तो इस कारोबार को 24 घंटे में बंद किया जा सकता है, लेकिन ढिलाई और मिलीभगत ने इसे वर्षों तक पनपने दिया है।
आज गरीब मजदूर और आम नागरिकों की निगाहें एक ऐसे ईमानदार और निष्ठावान अधिकारी पर टिकी हैं, जो कानून का पालन सख्ती से करते हुए इस सट्टा साम्राज्य पर करारी चोट कर सके। जनता को अब भी उम्मीद है कि एक दिन पुलिस प्रशासन का कोई कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी इस माफिया राज को ध्वस्त करेगा और ब्रम्हपुरी को सट्टा के जाल से मुक्त कराएगा।