पडोली MIDC की दो कंपनियों के खिलाफ 16 दिसंबर से साखळी उपोषण..

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चंद्रपुर में श्रमिक आंदोलन की चेतावनी

पडोली MIDC की दो कंपनियों के खिलाफ 16 दिसंबर से साखळी उपोषण

चंद्रपुर | ग्लोबल महाराष्ट्र न्यूज़ | अनूप यादव

दि. 16 डिसेंबर 2025

पुरी खबर :– चंद्रपुर जिले के पडोली MIDC क्षेत्र में स्थित मल्टी ऑर्गनिक और अभिदीप प्रा. लि. कंपनियों में कार्यरत श्रमिकों की समस्याएं लगातार गंभीर होती जा रही हैं। श्रमिकों का आरोप है कि बार-बार मांग उठाने के बावजूद कंपनी प्रबंधन उनकी बुनियादी और कानूनी मांगों को नजरअंदाज कर रहा है। इसी के विरोध में अब श्रमिकों ने आंदोलन का रास्ता अपनाने का निर्णय लिया है।

मनसे कामगार सेना के जिलाध्यक्ष अमन अंधेवार ने इस संबंध में को निवेदन सौंपते हुए 16 दिसंबर 2025 से साखळी ठिय्या आंदोलन और उसके बाद आमरण बेमुद्दत उपोषण की अनुमति मांगी है।

⚖️ न्यायालय का फैसला भी बेअसर

श्रमिकों के अनुसार, इससे पहले कंपनी प्रबंधन ने श्रमिकों के खिलाफ श्रम न्यायालय में याचिका दायर की थी। लेकिन न्यायालय ने श्रमिकों के आंदोलन को वैध ठहराते हुए कंपनी की अपील खारिज कर दी। साथ ही यह निर्देश दिया गया कि श्रम आयुक्त की मौजूदगी में श्रमिकों और कंपनी प्रबंधन के बीच चर्चा कर समाधान निकाला जाए।
हालांकि, श्रमिकों का आरोप है कि श्रम आयुक्त कार्यालय में 3–4 बार बैठकें तय होने के बावजूद कंपनी प्रबंधन का कोई भी प्रतिनिधि उपस्थित नहीं हुआ।

🧾 श्रमिकों की प्रमुख मांगें

श्रमिकों ने प्रशासन के समक्ष कुल 19 प्रमुख मांगें रखी हैं, जिनमें शामिल हैं—

  • हर महीने वेतन स्लिप उपलब्ध कराना
  • ESI कार्ड और PF कटौती की रसीद देना
  • 8 घंटे की ड्यूटी और ओवरटाइम का डबल वेतन
  • महीने में 4 पगारी छुट्टियां और सणावार पगारी अवकाश
  • 7 तारीख तक पूरा वेतन भुगतान
  • मुफ्त सेफ्टी टूल्स और मेडिकल सुविधा
  • ड्यूटी के दौरान दुर्घटना होने पर पूरा मेडिकल खर्च
  • कंपनी छोड़ने पर अनुभव प्रमाणपत्र
  • आंदोलन के दौरान बाहरी प्रांत के श्रमिकों की नियुक्ति न करना

✊ 100 से अधिक श्रमिक होंगे शामिल

मनसे कामगार सेना के ज़िला अध्यक्ष अमन अंदेवार ने स्पष्ट किया है कि इस आंदोलन में 100 से अधिक श्रमिक शामिल होंगे। यह आंदोलन के सामने शुरू किया जाएगा और चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ाया जाएगा।

🚨 प्रशासन पर नजरें

अब यह देखना अहम होगा कि जिला प्रशासन इस निवेदन पर क्या निर्णय लेता है। यदि समय रहते हस्तक्षेप नहीं हुआ, तो आने वाले दिनों में यह श्रमिक आंदोलन और उग्र रूप ले सकता है।